मणिमहेश यात्रा भाग-6 (अंतिम भाग) सुबह के लगभग 7 बजे थे। कड़ाके के की ठण्ड के बीच हम सब ने शिवकुण्ड से उतारना शुरू किया। सब पर थकान हावी थी और इस का असर ये हुआ की मैने जब चलाना शुरू किया तो मेरा पाव तीन जगह फिसला और इस का नतीजा ये निकाला की मेरे पाव पूरी तरहा कीचड़ में सन्न गए । बाकि सभी हैलीपेड पर रुक गए । पर मुझे एक काम करना था सो मै गोरी कुंड वापस आया । यहाँ पर उस दुकानदार को जिस ने उस खच्चर वाले को पैसे देने थे उसे 500 रूपये दिए और शुक्रिया कहा । उस ने भी प्रतिउत्तर में धन्यवाद् कहा । गौरीकुण्ड और शिवकुंड के बीच पहाड़ी को थोड़ा सा समतल किया गया है जहाँ हेलीपैड बनाया गया है। आते वख्त खच्चर जहा 1500 रुपये मांग रहा था वही जाते वक्त कोई कोई 1800 भी मांग रहा था। इस लिए हमने हैलीकोप्टर का पूछा तो बताया की यहाँ से जाने का 2010 रूपये है और आने जाने का 3100 रूपये है । यह सुन कर हम ने हैलीकोप्टर से जाने का निर्णय किया। लेकिन इस के लिए हमें एक लम्बी लाइन में लगना पड़ा ।लगभग 3 घण्टे बाद हमारा नंबर आया । इस के बाद हमें वजन के हिसाब से ती...